आम तौर पर लोगो को सर्वाइकल पैन जिसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है जिसे आज हर घर में युवाओं से लेकर बुजर्गो में देखा जा सकता है. आजकल किशोरों में भी यह समस्या देखने को मिलती है तो चलिए इस बीमारी के बारें में जानते है.
क्या है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के आधार पर आपको बता दें कि यह एक प्रकार की समस्या है जो रीढ़ के ऊपरी हिस्से, सर्वाइकल स्पाइन में पाई जाती है। जिसके कारण इसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के नाम से जाना जाता है। जो लोग लैपटॉप और मोबाइल के सामने घंटों बैठे रहते हैं या जिनके बैठने की उचित मुद्रा नहीं होती है, जो लोग गलत तरीके से सोते हैं और जो लोग बिल्कुल भी व्यायाम नहीं करते हैं, यही कारण है कि यह बीमारी होती है।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
इस बीमारी के शुरुआत में गर्दन के नीचे थोड़ी अकड़न होती है और दर्द काफी होता है। धीरे-धीरे यह जकड़न और दर्द कंधों तक फैल जाता है। इसके बाद यह बीमारी रीढ़ की हड्डी से होते हुए हाथों तक आ जाती है, कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि सिर दर्द और चक्कर आने जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। अगर आपको ऐसा कुछ लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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कौन कौन से योगासन है फायदेमंद?
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को योग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। मत्स्यासन, भुजंगासन, सर्वांगासन, ओम मकरासन आदि इस समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे योग जिसमें व्यक्ति को आगे की ओर झुकना हो, नहीं करना चाहिए।
स्वास्थ्य ही संपत्ति है यही सबसे अच्छा इलाज है, सलाह के तौर पर आपको कभी भी मोबाइल या लैपटॉप के सामने नहीं बैठना चाहिए। कोई भी कार्य ज्यादा ज्यादा देर तक झुक कर नहीं करना चाहिए और सोते समय नरम बिस्तर का उपयोग करना चाहिए। आप अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके समस्या से बच सकते हैं।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस उपचार
आपकी गलत जीवनशेली ही आपकी बीमारी की जड़ है इसीलिए आप अपनी गलत आदत में सुधर करें और प्रतिदिन योग करना शुरू करें। डॉक्टर कई बार गर्दन पर कॉलर की सलाह देते हैंसाथ में कुछ दवाएं भी दी जाती हैं, इसके अलावा समय पर खान पान किया जाए तो यह बीमारी ठीक हो सकती है।