ऐसे लोग जिनका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा होता है उन्हें अक्सर मधुमेह से पीड़ित माना जाता है। लेकिन सच्चाई तो ये है कि कोई व्यक्ति मधुमेह से तब पीड़ित होता है जब उसकी बॉडी में इंसुलिन का लेबल गड़बड़ा जाता है, यानी जब उसके शरीर में शुगर का लेवल तेजी से घटता और बढ़ता रहता है तब उसे डायबिटीज का मरीज समझा जा सकता है।
Blood Sugar लेवल
अधिकतर लोगों में यह भी देखा गया है कि जो लोग मधुमेह से पीड़ित नहीं है उन्हें भी अक्सर हाई ब्लड शुगर लेवल की समस्या होती है, इसके पीछे कारण समझना काफी मुश्किल है, लेकिन कुछ प्रमुख कारणों को आज हम आपको बताएंगे.
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
यह समस्या आमतौर पर महिलाओं को होती है जिसमें उन महिलाओं में हार्मोन का डिसबैलेंस होता है, जो उनकी रिप्रोडक्टिव एज में होती है। ऐसी महिलाओं में इंसुलिन, साइटोकाइन, टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का ज्यादा प्रोडक्शन होने लगता है जिसकी वजह से कभी कभी महिलाओं में इन्सुलिन रेजिस्टेंस भी होता है और बॉडी को एनर्जेटिक बनाने के लिए ब्लड में मौजूद ग्लूकोज का यूज नहीं कर पाते, जिसके कारण महिलाओं में ब्लड शुगर लेवल की मात्रा बढ़ सकती है।
तनाव की वजह से
तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रीनलिन जैसे हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जिससे ब्लड में शुगर का लेवल भी बढ़ना शुरू हो जाता है और लगातार अगर ऐसी स्थिति बनी रहे तो यह हाई ब्लड शुगर लेवल का कारण हो सकता है।
इंफेक्शन
किसी भी तरह के इंफेक्शन से एक स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है जिसका नाम कॉर्टिसोल होता है। यह हार्मोन ब्लड में से ज्यादा ग्लूकोस को रिमूव करने के लिए इंसुलिन की क्षमता को प्रभावित करता है जिसके कारण शरीर में शुगर का लेवल बढ़ सकता है।
मोटापा
जरूरत से ज्यादा फैट सेल्स की शरीर में उपस्थिति भी शरीर में इंसुलिन को प्रभावित करती है और रक्त से ग्लूकोस को निकालने और ऊर्जा उत्पादन करने के लिए इसका उपयोग करना भी मुश्किल हो जाता है।
दवाइयों की वजह से
कुछ दवाएं जैसे डोपामाइन और नोरपेनेफ्रिन रक्त में एंजाइम को सक्रिय कर सकते हैं जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को लगातार बनाए रख सकता है। ऐसी दवाइयों का सेवन करने से व्यक्ति हमेशा थकान महसूस करता रहता है और शरीर में शुगर का लेवल हाई रहता है।
तो यह थी कुछ कारण जो डायबिटीज ना होने पर भी शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ाएं रखते हैं। इसलिए बेहद जरूरी है कि डायबिटीज की समस्या ना होने पर भी अपने रक्त में लगातार शुगर के लेवल पर ध्यान बनाए रखें और समय-समय पर जांच कराते रहें।